कभी जिस शहर में नहीं घुसे अशोक गहलोत, बेटे के लिए उसकी तंग गलियों में रोड शो

आबूरोड में रोड शो करते अशोक गेहलोत नीरज डांगी और मोतीराम कोली।

सिरोही। लोकसभा चुनाव में जालोर-सिरोही-सांचौर संसदीय सीट में पड़ने वाले सिरोही जिले की सबसे ज्यादा आबादी वाले शहर आबूरोड में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रोड शो निकाला। मुख्यमंत्री काल में मॉर्डन इंसुलेटर से हवाई पट्टी के बीच की छोटी सड़कों के आगे नहीं बढ़ने वाले अशोक गहलोत ने आबूरोड की तंग गलियों में रोड शो निकाला। यहां पर उनको लेकर लोगों में उत्साह नजर आया। शायद ये पहला मौका रहा होगा जब आबूरोड के सदर बाजार में कोई पूर्व मुख्यमंत्री स्तर का नेता घुसा होगा।

जालोर सिरोही सांचौर लोकसभा सीट पर अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। यहां पर उनकी साख दांव पर है। अपनी खुद की गृह सीट जोधपुर से पिछले लोकसभा चुनाव में अशोक गहलोत वैभव गहलोत को हारने से बचा नहीं पाए। जबकि वे उस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री थे। वैभव गहलोत को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत ने बुरी तरह हराया था। इस सीट पर वैभव गहलोत 2014 में भी लड़ने वाले थे, लेकिन उनको यहां से टिकट नहीं मिला।

यहां वैभव गहलोत को उतारने की प्रमुख वजह जातीय समीकरण है। यहां पर माली वोटों की आस और विभिन्न जातियों के नेताओं से अपने पुराने सम्बन्धों को भुनाने की संभावना पाले गहलोत ने वैभव गहलोत को इस सीट से उतारा।

अशोक गहलोत ने जिस शहर में रोड शो निकाला ये वो शहर है जहां की सबसे बड़ी आबादी को उनके कार्यकाल में 24 घण्टे चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई। जिस शहर को भीड़ भाड़ से बचाने के लिए एक अदद वैकल्पिक मार्ग नहीं दिया जा सका। इस शहर में कांग्रेस में अशोक गहलोत के रॉड शो को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया।

इस शहर में इसी मार्ग पर एक पखवाड़े पहले वैभव गहलोत ने भी रोड शो निकाला था। इसमें उतने लोग नहीं जुटे थे जितने इस रोड शो में जुटे थे। यही नहीं उस रोड शो के दौरान भी अशोक गहलोत आबूरोड में ही थे।  लेकिन वो संयम लोढ़ा गुट के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ हवाई पट्टी से ही तलहटी स्थित होटल में चले गए थे। वहीं वैभव गहलोत नीरज डांगी गुट के नेताओं के साथ रोड शो में आ गए थे। लेकिन इस बार नजारा अलग था।

अशोक गहलोत के साथ नीरज डांगी तो थे ही लेकिन, संयम लोढ़ा गुट के माने जाने वाले स्थानीय विधायक मोतीराम कोली भी थे। ये दोनों गहलोत के साथ उनकी एसयूवी में ही सवार थे। डांगी और लोढ़ा गुट के नेता इस रोड शो में पूरे उत्साह से लगे हुए थे। आबूरोड शहर ने भी इस तरह एकसाथ काम करते हुए शायद पहली बार देखा होगा। वरना दोनों गुटों के समर्थक एक दूसरे का काम बिगाड़ते हुए ज्यादा दिखे हैं।

हेलीकॉप्टर से उतरते ही अशोक गहलोत की तबीयत थोड़ी नासाज हो जाने के कारण वे बस स्टैंड के अम्बाजी मंदिर पहुंचने के बाद गाड़ी में ही रोड शो में निकले। रोड शो के बाद वे फिर से मॉर्डन इंसुलेटर के गेस्ट हाउस चले गए। वही मॉडर्न इंसुलेटर जिसके सामने का बरसाती नाला अवैध तरीके से बन्द कर दिए जाने से तलहटी इलाके के की सिरोही जाने वाली सड़क माउंट आबू से आने वाले पानी के कारण नदी में तब्दील हो जाती है।

इसके बाद अशोक गहलोत माउंट आबू जाने का कार्यक्रम बना। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री रहते हुए इसी माउंट आबू के बाशिंदे एक बोरी सीमेंट हजार रुपए में, एक कट्टा बजरी 600 रुपए में और एक ईंट तीस से पचास रुपए में खरीदने को मजबूर हो गए थे।