कांग्रेस सोशलिज्म और सेकुलरिज्म से आगे नहीं बढ़ पाई : विनय सहस्त्रबुद्धे

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा चुनाव प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने कांग्रेस पर मजहब आधारित आरक्षण की वकालात और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वह सोशलिज्म और सेकुलरिज्म से आगे नहीं बढ़ पाई।

डा सहस्त्रबुद्धे ने बुधवार को यहां भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा विकास की राजनीति करती है लेकिन दुर्भाग्यवश प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी अभी भी अपने पुराने ढंग सोशलिज्म और सेकुलरिज्म से आगे नहीं बढ़ पा रही है। सभी जानते हैं कि संविधान निर्माताओं ने इन शब्दों का विरोध किया और बहस होने के बाद संविधान सभा ने यह तय किया था कि इन शब्दों की कोई आवश्यकता नहीं है। कांग्रेस ने यह गलत काम संविधान निर्माता की आकांक्षाओं के विपरीत किया और इन शब्दों को समाहित किया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओवरसीज बॉडी के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स की वकालात करते हुए भारत को अमरीका जैसा बनाने की बात कही। पित्रोदा ने कहा है कि जैसे घर, कुटुंब के किसी सदस्य की मृत्यु होती है तो उसके वारिशों को उस धन का कुछ प्रतिशत देकर बाकी सारा धन सरकार के पास जमा होना चाहिए। सैम पित्रोदा के इस बयान से कांग्रेस के नेताओं की सोच सामने आती है। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूर्व में संपत्ति के पुर्नवितरण की वकालात कर चुके हैं। राहुल गांधी के इस बयान से मतदाता आशंकित है क्योंकि लोगों ने अपना खून पसीना बहाकर संपत्ति कमाई और ये उसे बांटने की बात करते है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म करने के लिए धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालात की है जबकि हमारी संविधान सभा ने धर्म आधारित आरक्षण को सिरे से खारिज किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी कर्नाटक और अन्य जगहों पर कहा था कि कांग्रेस पार्टी ने वोट बैंक की राजनीति के चलते अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का अतिक्रमण कर अल्पसंख्यकों को आरक्षण देने की वकालात की है। यह ना केवल संविधान निर्माताओं का अपमान है बल्कि अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों के अधिकारों पर भी अतिक्रमण है।

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