मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर मिलेगी मोबाइल फोन जमा कराने की सुविधा: चुनाव आयोग

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदान केन्द्रों के बाहर मोबाइल जमा करने की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है। आयोग ने इसके साथ ही प्रत्याशियों को मतदान केंद्रों से 100 मीटर बाहर अपने बस्ते लगाने की छूट देने का फैसला किया है जहां वे मतदाताओं को अनौपचारिक रूप से मतदाता-पर्चिया उपलब्ध करा सकेंगे। अब तक इसे कम से कम 200 मीटर दूर रखने की व्यवस्था लागू थी।

आयोग का कहना है कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मोबाइल फोन के बढ़ते कवरेज और उपयोग और न केवल बड़े पैमाने पर मतदाताओं बल्कि वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग मतदाताओं द्वारा मतदान के दिन मोबाइल फोन के प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों को देखते हुए, आयोग ने मतदान केन्द्रों के ठीक बाहर मोबाइल डिपॉज़िट सुविधा की अनुमति देने का निर्णय लिया है।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदान केन्द्र के 100 मीटर के दायरे में मतदाताओं को मोबाइल फोन केवल स्विच-ऑफ (बंद) की स्थिति में ही रखना होगा।

आयोग ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में कहा कि चुनाव प्रचार के लिए मानदंडों को युक्तिसंगत बनाने तथा मतदान के दिन मतदाताओं की सुविधा के लिए चुनाव आयोग ने मतदान केन्द्रों के ठीक बाहर मतदाताओं को मोबाइल डिपॉज़िट सुविधा प्रदान करने और प्रचार के मानदंडों को युक्तिसंगत बनाने के लिए दो और व्यापक निर्देश जारी किए हैं।

आयोग ने कहा है कि ये निर्देश जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और चुनाव संचालन नियम, 1961 के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुरूप हैं। मतदान केन्द्र के प्रवेश द्वार के पास फोन जमा कराने के लिए बहुत ही साधारण पिजनहोल बॉक्स या पटसन के थैले उपलब्ध कराए जाएंगे, जहां मतदाताओं को अपने मोबाइल फोन जमा करने होंगे।

मतदाता को मतदान केन्द्र के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि, रिटर्निंग अधिकारी द्वारा प्रतिकूल स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर कुछ मतदान केन्द्रों को इस प्रावधान से छूट दी जा सकती है। आयोग ने कहा है कि चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 49एम के तहत मतदान केन्द्र के भीतर मतदान की गोपनीयता सुनिश्चित की जाती है और इसका सख्ती से पालन जारी रखा जाएगा।

आयोग ने मतदान के दिन सुविधाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से कानूनों के अनुरूप मतदान केन्द्र के प्रवेश द्वार से 100 मीटर के दायरे में प्रचार प्रचार पर रोक बनाए रखते हुए उम्मीदवारों को उस 100 मीटर के दायरे से ठीक बाहर अपनी ओर से बस्ते लगवाने की छूट दी है जहां से वे मतदाताओं की सुविधा के लिए उन्हें अनौपचारिक तौर पर मतदाता पहचान पर्ची जारी कर सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साथी चुनाव आयुक्तों डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ मिल कर चुनाव प्रक्रिया में सुधार के लिए कानूनी ढांचे के अनुसार 18 से अधिक पहले की हैं। आयोग ने बूथ स्तर के अधिकारियों के प्रशिक्षण से लेकर राजनीतिक दलों के साथ संवाद जैसे कई अभिनव कदम उठाए हैं।

नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एस.आर.कोहली और प्रमुख राष्ट्रीय प्रवक्ता ब्रजमोहन श्रीवास्तव ने भारत निर्वाचन आयोग की पहलों हाल में शुरू की गई 18 से अधिक नई पहलों का स्वागत करते हुए कहा है कि ये पहलें देश में लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम हैं।

उन्होंने एक बयान में कहा कि इन सुधारों से पारदर्शिता, जवाबदेही और चुनाव प्रक्रिया में जनभागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल मतदाता सूची की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि चुनाव प्रक्रिया भी अधिक प्रभावी और सुगम बन सकेगी। श्रीवास्तव ने सुझाव दिया है कि बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) की तरह बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) के लिए भी अनिवार्य रूप से चुनाव प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए।