अजमेर। वन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री संजय शर्मा के द्वारा शनिवार को विभागों की समीक्षा बैठक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सभागार में ली गई।
वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने वन विभाग की संभाग में प्रगति की जानकारी ली। हरियालो राजस्थान अभियान के अन्तर्गत अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर तथा टांेक जिलों में किए गए पौधारोपण से अवगत कराया गया। उन्होंने अभियान के लिए निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के लिए कहा। विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश प्रदान किए गए। वन विभाग की नर्सरियों में आवश्यक अनुसार पौधे उपलब्ध रहने चाहिए।
उन्होंने कहा कि पंच गौरव के घटक वन डिस्टिक वन स्पेशिज के अनुसार विभिन्न जिलों के लिए निर्धारित पेड़ों की प्रजाति के विकास पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इन पेड़ों को संबंधित जिले में अधिक से अधिक लगाया जाना चाहिए। हरियालो राजस्थान के माध्यम से ही इन पेड़ो को बढ़ावा दिया जाए।
उन्होंने कहा कि पूर्व में लगाए गए पेड़ों की जीवितता निर्धारित मानदण्ड़ो के अनुसार रहनी चाहिए। जीवितता प्रतिशत की जांच तृतीय पक्ष द्वारा की जाएगी। इसकी त्रिस्तरीय जांच होने से क्षेत्र की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सकेगा। अधिकारियों को अधिकतम समय फिल्ड में रहना चाहिए। वनभूमि का संयुक्त सर्वे कराया जाने की आवश्यकता है।
उन्होने कहा कि अजमेर-पुष्कर शहर के आसपास की पहाड़ियों पर अलग-अलग ऋतुओं मंे फलने वाले फूलों के पेड़ पौधे लगाने चाहिए। इससे यहां आने वाले पर्यटकों तथा तीर्थ यात्रियों के लिए नया आकर्षण का केन्द्र होंगे। इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही विभिन्न प्रजाति के तितलियों तथा मधुमक्खियों के लिए भी आवास को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा की गई बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन निर्धारित समयावधि में किया जाना चाहिए। इसके लिए अन्य विभागों से ली समन्वय स्थापित करें। घोषणा के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए सक्षम स्तर से सम्पर्क करने के साथ ही पत्राचार का फोलो अप भी करें। लेपर्ड सफारी पार्क को मूर्त रूप देने के लिए नियमानुसार कार्यवाही करें। ग्राम विकास समिति को सुदृढ़ किया जाए।
उन्होंने कहा कि अरावली पर्वतमाला के राजस्थान क्षेत्र को हरा भरा करने के कार्यक्रम के लिए प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करें। इस क्षेत्र में वृक्षारोपण, मुदा संरक्षण, छोटे चैकडेम, नादियां, एनीकट, कंटूर एवं ट्रैंच का निर्माण किया जाए। वन विभाग के गेस्ट हाउस का जीर्णाेद्धार कर उनकी ऑनलाईन बुकिंग से राजस्व आय की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए। प्राप्त राजस्व का उपयोग गेस्ट हाउस के संचालन में होगा। इसी प्रकार पुरातत्व महत्व की वन विभाग की सम्पतियों को भी चिह्नित करें।
उन्होंने बैठक में प्रदूषण नियंत्रण मंडल के कार्यो की भी समीक्षा की। हरियालो राजस्थान के अन्तर्गत किए गए कार्यो की जानकारी ली गई। उद्यमों में नियमों के अनुसार कार्य करवाने के निर्देश प्रदान किए। प्रदूषण नियन्त्रण की आवश्यकता वाले संस्थानों का औचक निरीक्षण किया जाना चाहिए। साइंस पार्क स्थापना की गति बढ़ाने के निर्देश दिए।
विधायक अनिता भदेल ने प्रदूषण करने वाली राजकीय संस्थानों पर कार्यवाही करने की आवश्यकता बताई। फकीराखेड़ा क्षेत्र में वन भूमियों में अवैध अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए। जयपुर रोड़ आईजी ऑफिस के पीछे की पहाड़ी भी अतिक्रमण से मुक्त करावें। झरनेश्वर महादेव के पास अतिक्रमण भी हटे।
मसूदा विधायक विरेन्द्र सिंह कानावत ने खरवा, पीपलाज, रीको तथा अन्य औद्योगिक ईकाईयों के प्रदूषण के स्तर की जांच करवाने की आवश्यकता बताई। भाजपा देहात अध्यक्ष जीतमल प्रजापत ने ग्राम विकास समितियों के कार्य में पारदर्शिता के साथ स्थानीय समुदाय की सहभागिता बढ़ाने की आवश्यकता बताई। अध्यक्ष रमेश सोनी ने वन भूमि को अतिक्रमण युक्त रखने की बात कही। इस अवसर पर मुख्य वन संरक्षक ख्याति माथुर, उप वन संरक्षक विरेन्द्र सिंह जोरा, अर्जुन नलिया सहित वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।