टेंडर जमा करने के दौरान आबूरोड नगर पालिका में हंगामा, पूलिंग का आरोप

आबूरोड नगर पालिका में टेंडर जमा होने का समय निकलने के बाद तक पेटी सील नहीं करने के कारण हुआ हंगामा।

सबगुरु न्यूज-आबूरोड। विकास कार्यों के पांच करोड़ के टेंडरों को जमा करवाने के दौरान आबूरोड नगर पालिका में हंगामा हो गया। यहां पर पहुंचे कांग्रेस के पार्षद भवनीश बारोट और कांग्रेस पदाधिकारी अमित जोशी ने  टेंडर पूल करने का आरोप लगाया।
आबूरोड नगर पालिका में शहर में विकास कार्यों के करीब पांच करोड़ रुपये के टेंडर निकले थे। ऑनलाइन इन टेंडरों को भरने के बाद इसकी हार्ड कॉपी नगर पालिका आबूरोड में जमा करवानी थी। शुक्रवार को दोपहर एक बजे तक आबूरोड नगर पालिका में टेंडर के लिए रखे जाने वाले बक्से में ये टेंडर डालने थे। इस दौरान कांग्रेस पार्षद को सूचना मिली कि नगर पालिका में टेंडर को पूल किया जा रहा है। वहां पहुंचने पर उन्हें जेईएन और उनको घेरे हुए लोग दिखे।

इनके बीच रखी टेबल पर कुछ लिफाफे दिखे। इस वाकये के वायरल वीडियो में ये सब स्पष्ट नजर आ रहा है। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि यहां पर अभियंता ठेकेदारों के साथ मिलकर ठेके को पूल कर रहे थे। इस विवाद के दौरान टेंडर डालने वाली पेटी एक टेबल के नीचे अलग पड़ी हुई स्पष्ट दिखाई दे रही है जबकि एक बजते ही इसके मुंह पर पर्ची लगाकर उसपर टेंडर डालने वाली सभी पार्टियों के हस्ताक्षर करवाकर सील कर दिया जाना चाहिए। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ।

हंगामा करीब एक बजकर 17 मिनट पर हुआ था। इस दौरान तक बक्से का मुंह सील नहीं हुआ था। वीडियो में स्पष्ट नजर आ रहा है कि टेबल से लिफाफे उठाकर कुछ लोग अनसील्ड बक्से में डाल रहे हैं। जबकि एक बजे बाद बक्सा सील करने का प्रावधान है। इन पार्षदों ने इस प्रकरण में पूलिंग का अरोप लगाते हुए इसकी शिकायत उपखंड अधिकारी और अधिशासी अधिकारी को करने की बात भी कही है।
– ऑफलाइन लिफाफे से ही खुलता है टेंडर
सभी सरकारी विभागों के टेंडर भरने की प्रक्रिया ऑनलाइन है। लेकिन, टेंडर बड़े टेंडरों को छोड़कर शेष सभी टेंडर ऑफलाइन ही खोले जाते हैं। ऐसे में ऑनलाइन भरे गए टेंडरों की हार्ड कॉपी जिस विभाग के द्वारा टेंडर निकाले गए हैं उसके कार्यालय में नियत समय पर जमा करवाना जरूरी होता है।

ऐसा नहीं करने पर ऐसे टेंडरों की हार्ड कॉपी स्वीकृत नहीं की जाती है। इन्हीं हार्ड कॉपियों को टेंडर खोलने वाले दिन संबंधित विभाग के आहरण वितरण अधिकारी, तकनीकी अधिकारी और अकाउण्ट अधिकारी की समिति के सामने खोला जाता है। दरों को कम्पेयर करके कम दर देने वाले ठेकेदार को ठेका दे दिया जाता है।